श्री हनुमान जी महाराज का अहसान वाले कर्ज का प्रसंग
मेरा महान देश (विस्मृत संस्कृति से परिचय) में दुर्गा प्रसाद शर्मा, एडवोकेट, इन्दौर का सादर अभिनन्दन। अपने जीवन में हमने अक्सर किसी के अहसान अथवा किसी ऐसे कर्म के विषय में यह सुना और देखा है कि हमारे किसी विपरीत समय में किसी ने हमारा साथ दिया हो और उस कर्म से हमें किसी प्रकार का कोई लाभ होता है तो सामान्यतः यही कहा जाता है कि विपरीत समय में साथ देने वाले व्यक्ति का अहसान भुलाया नहीं जा सकता है, अहसानों का कर्जा नहीं चुकाया जा सकता है। कुछ इसी प्रकार का एक प्रसंग रामायण में श्री हनुमान जी महाराज के सम्बन्ध में कहा और सुना जाता है। आज हम अपनी बेबसाईट के 158 वें लेख में श्री हनुमान जी महाराज के अहसान वाले कर्ज के सम्बन्ध में समझने का हम प्रयास कर रहे हैं। इस लेख को आपके समक्ष प्रस्तुत करने की प्रेरणा मुझे श्री हनुमान जी महाराज के परम भक्त राजस्थान के भवानी मंडी निवासी श्री प्रदीप जी शर्मा साहब से उपलब्ध जानकारी से प्राप्त हुई होकर आपके समक्ष प्रस्तुत है। प्रसंग उस समय का है जब लंका पर विजय प्राप्त करके प्रभु श्री रामजी अपने भ्राता श्री लक्ष्मण जी और सीता जी के साथ अपनी व...