शरद पूर्णिमा

सम्पूर्ण वर्ष भर की पूर्णिमा में आश्विन मास की पूर्णिमा अर्थात शरद पूर्णिमा का एक विशेष ही महत्त्व है। इस पूर्णिमा के बाद से ही हेमंत ऋतू की शुरुआत हो जाती है और धीरे धीरे ठण्ड का मौसम शुरू हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन ही चन्द्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और इस शरद पूर्णिमा की रात्रि को चन्द्रमा के प्रकाश के माध्यम से अमृत वर्षा होती है, जोकि मानव के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत ही लाभदायक होती है। इसलिए शरद पूर्णिमा के इस समय को अमृत काल भी कहा जाता है।