पंचाग की समझ अति आवश्यक

सनातन धर्म की रक्षार्थ हमें जागरूक होना होगा और हमारी नव पीढ़ी को भी जागरूक करना होगा। इसके लिए जहाँ हमें अपने बच्चों को शुरू से ही संस्कारित करना होगा वहीं उन्हें बचपन से ही अपने धर्म के बारे में जानकारी भी देते रहना है। बच्चों को जहाँ अपनी परम्परा और रीती रिवाजों से अवगत कराते हुवे अपने धर्म के प्रति उनमें बचपन से ही रुझान बना रहे इस बारे में भी हमें प्रयास करना होगा। आज पाश्चत्य संस्कृति के प्रति आकर्षित होकर हम उसका अनुसरण करते जा रहें हैं, उस पर भी हमें रोक लगानी होगी। आज पाश्चत्य संस्कृति के प्रति आकर्षित होकर हम अपनी संस्कृति और अपनी मर्यादाएं भूलकर फूहड़ता और अश्लीलता की ओर बढ़े चले जा रहे हैं, जिसमें सबसे ज्यादा ख़राब स्थिति आये दिन पाश्चत्य संस्कृति अनुसार विभिन्न प्रकार के डे अर्थात दिवस मनाने से हो रही है। इसमें प्रमुख हैं 31 दिसंबर, न्यू ईयर डे, वैलेंटाइन डे की आड़ में पूरा सप्ताह कोई न कोई डे मनाने के तरीकों से हमारे धर्म और संस्कृति को हम कितना नुकसान पंहुचा रहे हैं, कितना धर्म के विपरीत आचरण हमारे द्वा...