जीवन संगिनी साथ है तो सब सुख है

पति पत्नी का सम्बन्ध ही कुछ इस प्रकार का है कि कुछ खट्टी तो कुछ मीठी नोक झोक वाली बातें होना एक आम बात होती है। लेकिन कहते है न कि जब जो हमारे पास होता है तब हमें उसकी कीमत मालूम नहीं पड़ती कीमत मालूम पड़ती है उसके चले जाने के बाद। प्रेम और लड़ाई तो अक्सर होती ही रहती है किन्तु कई बार यह भी देखा गया कि छोटी छोटी सी बात पर हम अपनी पत्नी पर निर्भर होकर उसे बेवजह काफी परेशान करते हैं। कई बार उसे तानों और उलाहनों का भी सामना करना पड़ता है और वह अपने कर्तव्य और प्रेम के वशीभूत होकर सब कुछ नजर अंदाज का सहन कर जाती है आपकी किसी बात का बुरा नहीं मानती है और समर्पित भाव से अपनी चिंता किये बगैर घर की साल संभाल में लगी रहती है।  सुबह उठने से लेकर रात सोने तक आपके और आपके घर के कामों लगी रहने के बाद उसके आराम के वक्त भी उसे किसी काम के बारे में बोल दिया जाता है, जिसे भी वह सहर्ष कर दिया करती है। वह भी मान सम्मान की अपेक्षा रखती है वह भी चाहती है कि उसे भी कोई सहयोग करे। 
प्रायः घरों में यह देखा गया है कि सुबह होते ही पत्नी को पुकारते हैं कि चाय बना दो थोड़ी देर बाद नाश्ता बना दो। चाय नाश्ता हुआ नहीं कि अख़बार की याद आ जाती है, तो उसकी भी जवाबदारी पत्नी की - सुनो आज अख़बार आया या नहीं, बाहर जाकर देख लो तो कोई दरवाजा खटखटा रहा है। अरे आज बाथरूम में साबुन नहीं है और सुनो मैं तौलिया भूल आया दे दो। आफिस जाते जाते अरे ये शर्ट का बटन टूट गया जरा लगा दो और मेरे मौजे नहीं मिल रहे जरा ढूंढ का ला दो। आज आलू के परांठे बनाये है ना टिफिन में दो परांठे ज्यादा रख देना। शाम को आफिस से आने पर भी चैन नहीं - देखो अलमारी पर कितनी धूल जमी पड़ी है लगता है कई दिनों से सफाई नहीं की तुमने।  गमलों के पौधे सुख गए है क्या पानी भी नहीं डालती हो, दिन भर क्या करती हो गपशप और किटी पार्टी से फुर्सत नहीं मिलती होगी। उसके बाद फिर फरमाइश अरे सुनो आज डोसा खाने का मूड है बना दो, बच्चो की परीक्षा आ रही है पढ़ा देना।  

इस प्रकार दिन भर काम का बोझ हम चैन से सोने बैठने भी नहीं देते दो दिन के लिए यदि वह बीमार पद जाये तो सब आटे दाल का भाव मालूम पद जाता है दो दिन में ही सारा घर अस्त व्यस्त और सारा रूटीन ध्वस्त हो जाता है और तब मालूम पड़ती है पत्नी की अहमियत। और उस बेचारी की हालत तो - दिन की रौशनी ख़्वाबों को बनाने में गुजर गई रात नींद को मनाने में गुजर गई जिस घर में मेरे नाम की तख्ती नहीं सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई। अगर पत्नी है तो दुनिया में सब कुछ है। राजा की तरह से जीने और दुनिया में अपना सर ऊँचा रखने के लिए अपनी पत्नी का आभार मानें। आपकी सुविधा असुविधा आपके बिना कारण के क्रोध को भी सहन करके आपके सुख में सुखी और आपके दुःख में दुखी, उसके लिए कोई छुट्टी या त्यौहार का अवकाश नहीं होता।  अक्ल नहीं है का तना मारते हो किन्तु आपको यह नहीं मालूम की उसके पास भी बुद्धि है और केवल उसी के कारण आप जिन्दा हैं वार्ना दुनिया में आपको कोई भी नहीं पूछेगा।  

ईश्वर न करे किन्तु यदि कभी उसकी अंतिम बिदाई की घडी आ जाये मात्र इस बात की कल्पना ही कर लीजिये कि एक दिन पत्नी  अचानक गुजर जाती है। (मेरी धर्मपत्नी का भी स्वर्गवास हो गया है यह बेबसाइट उसी की प्रेरणा है और यह लेख जो मैंने भी कभी कहीं पढा था यह धर्म पत्नी को स्मरण करते हुए उसी को समर्पित।)  घर में रोने की आवाजें आ रही है, पत्नी का अंतिम दर्शन चल रहा था उस वक्त पत्नी की आत्मा जाते जाते जो कह रही है उसका अहसास करो --- वह बोली - सुनो मैं अभी जा रही हूँ अब फिर कभी नहीं मिलेंगे, तो मैं जा रही हूँ। जिस दिन विवाह के फेरे लिए थे उस वक्त साथ साथ जियेंगे ऐसा वचन दिया तो था किन्तु आज अचानक ऐसे अकेले जाना पड़ेगा यह मुझको नहीं पता था, मुझे जाने दो।  अपने आंगन में अपना शरीर छोड़कर जा रही हूँ, बहुत दर्द हो रहा है मुझे लेकिन मैं मजबूर हूँ अब मैं जा रही हूँ मेरा मन नहीं मान रहा है पर अब मैं कुछ नहीं कर सकती,  मुझे जाने दो। देखो बेटा और बहू रो रहे हैं मैं ऐसा नहीं देख सकती और उनको दिलासा भी नहीं दे सकती हूँ।  पोता बिलख रहा है उसे शांत करो, तुम बिलकुल ध्यान नहीं दे रहे हो।  हाँ आप भी अपना मन मजबूत रखना और बिलकुल भी विचलित नहीं होना, मुझे जाने दो।   

अभी बेटी ससुराल से आएगी और मेरा मृत शरीर देखकर बहुत रोयेगी तब उसे संभालना और शांत करना और आप भी बिलकुल मत रोना, अब मुझे जाने दो। जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तो निश्चित है, जो भी इस दुनिया में आया है वो यहाँ से गया भी है।  धीरे धीरे मुझे भूल जाना, मुझे याद नहीं करना और इस जीवन में फिर से काम में डूब जाना और मेरे बिना जीवन जीने की आदत जल्दी से डाल लेना, अब मुझे जाने दो। आपने इस जीवन में मेरा कहा कभी नहीं माना है, अब जिद्द छोड़कर व्यवहार में विनम्र रहना।  आपको अकेला छोड़कर जाते हुवे मुझे बहुत चिंता हो रही है, लेकिन मैं मजबूर हूँ, अब मुझे जाने दो। अपने खानपान का ध्यान रखना कभी अस्वस्थ हो जाओ तो दवा लेना मत भूलना।  चाय अगर आपको देर से मिलती है तो बहू पर गुस्सा मत करना।  अब मैं नहीं हूँ यह समझ कर जीना सीख लेना, अब मुझे जाने दो।  

बेटा और बहू कुछ बोले तो चुपचाप सब सुन लेना।  कभी गुस्सा नहीं करना।  हमेशा मुस्कुराते रहना, कभी उदास मत होना, अब मुझे जाने दो। अपने बेटे के बेटे के साथ खेलना, अपने दोस्तों के साथ साथ समय बिताना।  धार्मिक जीवन जीते हुवे जीवन को संयमित करना, अगर मेरी याद आये तो चुपचाप से रो लेना लेकिन कभी कमजोर मत होना, अब मुझे जाने दो। मेरा रुमाल कहाँ है, मेरी चाबी कहाँ है अब ऐसे चिल्लाना नहीं।  सब चीजों को संभाल कर रखना और कहाँ रखी इसे याद रखने की भी आदत डाल लेना।  खानपान सुबह शाम नियमित रूप से कर लिया करना अगर बहू भूल जाये तो खुद से याद कर लिया करना। जो भी खाने को मिले प्यार से खा लेना और गुस्सा नहीं करना।  मेरी अनुपस्थिति तुम्हें खलेगी तो सही पर कमजोर मत होना, अब मुझे जाने दो।      

और सुनो बुढ़ापे में छड़ी भूलना मत और धीरे धीरे चलना यदि बीमार पड़ बिस्तर में लेट गए तो किसी को भी सेवा करना पसंद नहीं आएगा। शाम को बिस्तर पर जाने से पहले एक लोटा पानी मांग लेना और प्यास लगे तब पानी पी लेना अगर आपको रात को उठना पड़े तो अँधेरे में कुछ लगे नहीं उसका ध्यान जरूर रखना अब मुझे जाने दो। उठो सुबह हो गई अब ऐसा कोई नहीं कहेगा, अब अपने आप उठने की आदत डाल लेना किसी की प्रतीक्षा मत करना।  विवाह के बाद हम बहुत ही प्यार से रहे परिवार में फूल जैसे बच्चे हमें मिले, अब उन फूलों की सुगंध मुझे नहीं मिल सकेगी अब मुझे जाने दो। और हाँ एक बात मैंने तुमसे छिपाई थी उसके लिए मुझे माफ़ करना आपको बिना बताये पोस्ट ऑफिस में बचत खाता खुलवाकर कुछ रूपये जमा किये हैं, मेरी माँ ने सिखाया था कि एक एक रुपया जमा करके रख लिया करो। उन पैसो में से कुछ बहू  को दे देना और बाकी अपने पास ही रखना अपने लिए। भगवान की भक्ति, पूजा और स्वाध्याय करते रहना।  अब हम फिर कभी नहीं मिलेंगे मुझसे कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ़ करना अब मुझे जाने दो, अब मुझे जाने दो।  

एक स्त्री तब तक बूढ़ी नहीं होती जब तक कि उसका पति जीवित रहता है और एक पुरुष तब तक बूढ़ा नहीं होता जब तक कि उसकी पत्नी जीवित रहती है किन्तु दोनों में से एक का भी साथ बिछुड़ा तो दूसरा बूढ़ा होने लग जाता है। तो आइये आज यह संकल्प करें कि अपने जीवनसाथी के साथ आजीवन सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हुवे उसे पूरा पूरा मान सम्मान प्रदान करेंगे।         

Comments

  1. अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित 🙏

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