गुरुदेव श्री अर्जुन देव जी

सिख संप्रदाय के पंचम गुरुदेव श्री गुरुदेव अर्जुनदेव जी का जन्म गोइंदवाल साहिब में हुआ था। चतुर्थ गुरुदेव श्री रामदास जी और बीबी भानी जी के छोटे सुपुत्र गुरु अर्जुनदेव जी का विवाह गंगादेवीजी के साथ संपन्न हुआ था। पिता श्री गुरुदेव रामदास जी ने अर्जुनदेव जी को सर्वगुण संपन्न देखकर १८ वर्ष की आयु में ही गुरुगादी सौंप दी थी। गुरुदेव श्री अर्जुनदेव जी अत्यंत ही शांत और गंभीर स्वाभाव के स्वामी थे और दिन रात संगत सेवा में लगे रहते थे। उनके मन में सभी धर्मों के प्रति अथाह स्नेह था, उन्होंने मानव कल्याण के लिए आजीवन कार्य किया। शहीदों के सरताज और शान्तिपुंज गुरुदेव श्री अर्जुनदेव जी को आध्यात्मिक जगत में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, उन्होंने ही धर्म कार्यों के लिए सिखों की कमाई से दशमांश की मर्यादा निर्धारित की थी।