गणितज्ञ श्री राधानाथ जी सिकदर

विदेशी आक्रामकों के शासनकाल के दौरान हमारे देश की कई महान विभूतियां गुमनामी में ही रही होकर उन्हें जो मान, सम्मान और पहचान मिलना थी उससे वे वंचित हो गए और श्रेय किसी और को मिल गया। तात्कालिक इतिहासकारों ने जिस स्वरुप में इतिहास में तथ्य विलोपित कर अन्य महिमामण्डन कर दिए गए, उसी स्वरुप में हमें आज भी पढ़ाया और बताया जा रहा है। आज आवशयकता है कि तत्समय के इतिहास जिसमें सिर्फ एक तरफ़ा जानकारी उपलब्ध है, उससे बाहर निकल कर वास्तविकता को जानने और समझने की तथा आगे आने वाली पीढ़ी को वास्तविक स्थिति से अवगत कराने की। माउन्ट एवरेस्ट का मूल संस्कृत नाम सगरमाथा बताया जाता है जोकि नेपाल में आज भी प्रचलित है। तिब्बती भाषा में इसे चोमोलुंगमा अर्थात विश्व की माँ देवी कहा जाता है। फिर इसे पीक - 15 के नाम से जाना जाने लगा। फिर भारत में आये ब्रिटिश शासन के प्रथम सर्वेयर सर जार्ज एवरेस्ट कालांतर में माउन्ट एवरेस्ट का नाम सर जार्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया, यह ही हमें इतिहास में बताया जाता है किन्तु सर जार्ज एवरेस्ट का किसी भी प्रकार का कोई उल्लेखनीय योगदान माउन्ट एवरेस्ट के सम्बन्ध में इतिहास में न...