काशी पुरी स्वामिनी माता अन्नपूर्णा देवी

अन्नपूर्णे सदापूर्णे शंकरप्राण वल्ल्भे, ज्ञान वैराग्य सिद्धर्थ भिक्षां देहि च पार्वती ।। अन्नपूर्णा देवी सनातन धर्म में विशेष रूप से पूजनीय हैं, इन्हें माँ जगदम्बा का ही एक रूप माना जाता है, जिनके द्वारा सम्पूर्ण विश्व का संचालन होता है। समस्त जीवों के भरण पोषण की अधिष्ठात्री माता अन्नपूर्णा को सकल जगत की पालनकर्ता माना जाता है, अन्नपूर्णा का शाब्दिक अर्थ है धान्य अर्थात अन्न की अधिष्ठात्री। सनातन धर्म की मांन्यता है कि प्राणियों को भोजन माँ अन्नपूर्णा की कृपा से ही प्राप्त होता है। सम्पूर्ण विश्व के अधिपति भगवान विश्वनाथ जी की अर्धांगिनी करुणा मूर्ति देवी पार्वती ही अन्नपूर्णा स्वरुप में समस्त जीवों का बिना किसी भेद भाव के भरण पोषण करती है। जो भी भक्ति भाव के साथ इन वात्सलयमयी माता का आव्हान करता है, माता अन्नपूर्णा उसके यहाँ सूक्ष्म रूप से वास करती है तथा उसे भोग के साथ साथ मोक्ष भी प्रदान करती है।