वीरांगना पन्ना धाय की स्वामीभक्ति

भारतीय इतिहास में महान नारी शक्तियों के कई चरित्र हैं, जिस तरह से चित्तौड़गढ़ के इतिहास में रानी पद्मिनी के जौहर की अमर गाथा के साथ मीराबाई के भक्तिपूर्ण गीत गूंजा करते हैं, वहीं उदयपुर का इतिहास पन्ना धाय के बगैर अधूरा ही है। पन्ना धाय जैसी महान नारी की स्वामीभक्ति की कहानी भी अपना एक अलग ही स्थान रखती है। पन्ना धाय किसी राज परिवार की सदस्या नहीं थी, अपना सर्वस्व स्वामी को अर्पित कर देने वाली स्वामीभक्त वीरांगना पन्ना धाय का जन्म एक छोटे से गांव कमेरी में हुआ था। राणा उदयसिंह को माँ के स्थान पर दूध पिलाने के कारण पन्ना "धाय माँ" कहलाई थी। पन्ना का पुत्र चन्दन और राजकुमार उदयसिंह साथ साथ बड़े हुवे थे। राजकुमार उदयसिंह को पन्ना ने अपने पुत्र के समान ही पाला था। राजकुमार उदयसिंह की माता रानी कर्मावती के सामूहिक आत्मबलिदान द्वारा स्वर्गारोहण पश्चात् बालक उदयसिंह की परवरिश करने का दायित्व पन्ना ने ही संभाला था और पूरी लगन से बालक उदयसिंह की सुरक्षा करते हुवे परवरिश की थी। मेवाड़ के इतिहास में जिस गौरव के साथ महाराणा प्रताप को याद किया जाता है, उसी गौ...