देवाधिदेव श्री महादेव जी

मेरा महान देश (विस्मृत संस्कृति से परिचय) में दुर्गा प्रसाद शर्मा, एडवोकेट, इन्दौर का सादर अभिनन्दन। आज महाशिवरात्रि का पावन पर्व है, और सकल जगत भगवान भोलेनाथ की सेवा पूजा और आराधना में लीन है। ऐसा कौन होगा जो शिव जी के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं रखता होगा, प्रत्येक व्यक्ति को देवाधिदेव श्री महादेव जी और उनके परिवार की जानकारी होगी ही। आइये आज महा शिव रात्रि के पावन अवसर पर हम भी शिव जी के बारे में कुछ जानकारी साझा करने का प्रयास करते हैं। मैं यह नहीं कहता कि मुझे बहुत अधिक जानकारी है किन्तु थोड़ा बहुत पढ़ने सुनने से जो कुछ मुझे जानकारी हुई है, वह जानकारी और कुछ आपकी जानकारी मिलकर एक और एक ग्यारह हो जाये तो इसमें कोई बुराई नहीं है। शिव महापुराण में बताया गया है कि सृष्टि का आरम्भ ही शिवजी के अग्निलिंग के प्राकट्य द्वारा हुआ है, इसीलिए शिवजी को आदिदेव भी कहा जाता है, आदि अर्थात प्रारम्भ इस कारण इन्हे आदिनाथ और आदिश भी कहा जाता है। भगवान शिवजी देवताओं के साथ साथ असुर, दानव, राक्षस, भूत, पिशाच, गन्धर्व, यक्ष आदि सभी के द्वारा पूजित हैं, तो आदिवासी, वनवासी सहित सभी जातियों, वर्...