बाल वीरांगना कुमारी मैना
मेरा महान देश (विस्मृत संस्कृति से परिचय) में दुर्गा प्रसाद शर्मा, एडवोकेट, इन्दौर का सादर अभिनन्दन। हमारे देश में आजादी के कई ऐसे दीवाने हुवे हैं जिन्होंने हंसते हंसते अपना सबकुछ भारत देश पर न्यौछावर कर दिया, अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। वहीं कुछ ऐसे देशद्रोही विश्वासघाती भी हुवे हैं, जिन्होंने अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए दुश्मनो से मित्रता कर ली और देश को गुलामी की जंजीरो में जकड दिया। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, मंगल पाण्डे अपने बलिदान के लिए इतिहास में अमर हैं तो मानसिंग, जयचंद जैसे देशद्रोह और विश्वासघात के लिए इतिहास में कलंकित भी हैं। देश की आज़ादी के लिए कई क्रांतिकारियों ने बलिदान दिए, हर क्रांतिकारी अपने अपने तरीके से अपने देश को आज़ाद कराना चाहता था, इन्हीं में से एक क्रान्तिकारी थे नाना साहेब पेशवा द्वितीय, जो सन 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख व्यक्तित्व थे। नाना साहेब पेशवा ने कानपुर में अंग्रेजॉ के विरूद्ध स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था और इन्हीं की दत्तक पुत्री थी बाल वीरा...