श्री मुचुकुन्द जी महाराज और कालयवन का प्रसंग
सूर्यवंश में इक्ष्वाकु कुल को किसी भी प्रकार के परिचय की आवश्यकता ही नहीं है, इसी कुल में साक्षात् परब्रह्म परमात्मा प्रभु श्रीरामचन्द्र जी का अवतरण हुआ था। इसी वंश में महान प्रतापशाली राजा महाराज मान्धाता भी हुवे थे। महान राजा मान्धाता के पुत्र थे महाराज मुचुकुन्द जी। इक्ष्वाकु कुल में महाराज मुचुकुन्द जी सम्पूर्ण पृथ्वी के एकछत्र सम्राट थे तथा बल और पराक्रम में इतने प्रतापी थे कि पृथ्वी के राजाओं के अलावा देवराज इंद्र भी इनकी सहायता के लिए आतुर रहते थे और देव दानव संग्राम में उनसे सहायता लेते रहते थे।