Posts

Showing posts from May, 2021

सुखी दाम्पत्य जीवन अर्थात आपसी प्रेम, विश्वास और तालमेल

Image
सनातन धर्म के चारों आश्रमों में से गृहस्थ आश्रम को सबसे बड़ा माना जाता है। विवाह संस्कार के साथ ही इस आश्रम की शुरुआत मानी जाती है।  गृहस्थी रूपी गाड़ी के दो पहिये पति और पत्नी को माना जाता है।पति और पत्नी अपने आपसी प्रेम, विश्वास और तालमेल के साथ इस  गृहस्थी रूपी गाड़ी को सुचारु रूप से चलाते हुवे एक आदर्श उदाहरण समाज में प्रस्तुत कर श्रेष्ठ जीवन यापन कर सकते हैं, किन्तु वर्तमान में कुछ स्थिति इस तरह की देखने में आती है कि जरा जरा सी बात पर दोनों में विवाद हो जाता है और फिर योग्य समझाइश के आभाव में तथा कुछ विघ्नसंतोषी लोगों के हस्तक्षेप से छोटी सी बात का विवाद एक बड़ा ही बतंगड़ बन जाता है जिसके परिणामस्वरूप कई  गृहस्थी बिगड़ रही है, कोर्ट में केस बढ़ते जा रहे हैं और कई लोग परेशान हो रहे हैं। जबकि  पति और पत्नी दोनों के द्वारा आपस में एक दूसरे की बात मानकर, एक दूसरे का सम्मान करते हुवे आपसी प्रेम, विश्वास और तालमेल से ऐसे विवादों को समाप्त किया जा सकता है। कुछ इसी प्रकार की एक सत्य घटना आज आपके समक्ष प्रस्तुत की जा रही है। इसमें नाम और स्थान को परिवर्तित किया गया है। ...